
कक्षा 10 हिंदी माँ कहानी का सारांश (Maa Kahani Ka Saransh) Free PDF डाउनलोड करें।
Maa Kahani Ka Saransh कक्षा 10 हिंदी (वर्णिका भाग-2, पाठ-3) की मार्मिक कहानी है, जिसमें मातृत्व का नि:स्वार्थ प्रेम, करुणा और त्याग चित्रित किया गया है। यह कहानी दिखाती है कि माँ का प्रेम किसी भी परिस्थिति में अपनी संतान का त्याग नहीं कर सकता।
समाज और परिवार मंगु जैसी पागल संतान को बोझ मानते हैं, लेकिन माँ उसे अपनी जान से भी अधिक चाहती हैं। अंत में मजबूरी में मंगु को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है, जो माँ के लिए अत्यंत पीड़ादायक अनुभव होता है।
Class 10th Hindi – Maa Kahani Ka Saransh | Bihar Board
📌 कक्षा 10 हिंदी (वर्णिका भाग-2, पाठ-3) — माँ कहानी का सारांश
लेखक परिचय
- नाम : ईश्वर पेटलीकर
- भाषा : गुजराती
- अनुवादक : गोपालदास नागर
- गुजराती के लोकप्रिय कथाकार।
ईश्वर पेटलीकर गुजराती के लोकप्रिय कथाकार थे।
उनके कथा साहित्य में गुजरात का समाज, समय, नये–पुराने मूल्य, दर्शन और कला अभिव्यक्त होते हैं।
उनकी रचनाओं में जीवन के विविध आयामों का सजीव चित्रण है।
प्रसिद्ध कृतियाँ
- कहानी : खून की सगाई
- उपन्यास : काला पानी (बहुत लोकप्रिय)
विशेषताएँ
- साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक जीवन में भी सक्रिय रहे।
- दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित, पुरस्कृत और बहुप्रशंसित।
स्रोत
- यह कहानी “माँ” नामक कहानी संग्रह से ली गई है, जो गुजराती भाषा की कहानी है।
- इसका संपादन एवं अनुवाद गोपालदास नागर ने किया है।
📘 माँ कहानी का सारांश – Short Notes
शीर्षक : माँ-कहानी (स्रोत: गोपालदास नागर संपादित/अनूदित)
1. मुख्य पात्र
- माँ जी — मंगु की माँ, स्नेही और समर्पित; समाज के तानों-शिकायतों के बावजूद बेटी का पूरा ख्याल रखती हैं।
- मंगु — जन्म से पागल और गूंगी बेटी; माँ के प्रेम और परवरिश में पली-बढ़ी।
- पुत्र/बेटे — शहर में कमाने वाले; अंततः मंगु को अस्पताल में भर्ती कराते हैं।
- बहुएँ — दादी पर आरोप लगाती हैं कि वह बच्चों पर ध्यान नहीं देकर केवल मंगु पर ही सारा ध्यान देती हैं।
- मेट्रन/परिचारिकाएँ, डॉक्टर, मजिस्ट्रेट — अस्पताल के कर्मचारी जो मंगु की देखभाल करते हैं।
- कुसुम — गाँव की लड़की; अस्पताल में भर्ती होकर ठीक हुई, जिससे माँ जी का निर्णय प्रभावित हुआ।
2. स्थिति / पृष्ठभूमि
- ग्रामीण परिवेश; परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक है।
- मंगु जन्म से पागल और गूंगी; समाज और परिवार उसे बोझ मानते हैं, पर माँ जी के लिए वही सबकुछ है।
माँ कहानी का सारांश के मुख्य बिंदु
3. कहानी के मुख्य बिंदु
- लोग बार-बार सलाह देते हैं कि मंगु को पागलखाने में भर्ती कर दिया जाए।
- माँ जी इसका विरोध करती हैं — कहती हैं कि केवल माँ ही सच्ची देखभाल कर सकती है।
- बहुएँ शिकायत करती हैं कि दादी बच्चों की बजाय मंगु को ही अधिक प्यार देती हैं।
- डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं होगी, पर देखभाल से सुधार हो सकता है।
- कुसुम नामक लड़की अस्पताल में इलाज से ठीक हो जाती है, इससे माँ जी प्रभावित होती हैं।
- अंततः माँ जी मंगु को अस्पताल में भर्ती करती हैं, पर यह निर्णय उनके लिए बहुत पीड़ादायक होता है।
- मंगु को मेट्रन और नर्सें अपनापन देकर देखभाल करती हैं, लेकिन माँ जी का हृदय टूट जाता है।
माँ कहानी का केंद्रीय संघर्ष
4. केंद्रीय संघर्ष
- मातृत्व का प्रेम बनाम सामाजिक दृष्टिकोण।
- माँ जी का अंतर्द्वंद — बेटी की भलाई के लिए उसे अस्पताल में छोड़ने का दर्द।
5. प्रमुख विचार (Themes)
- सच्चा मातृत्व : नि:स्वार्थ और समर्पित।
- समाज की कठोरता और उपेक्षा।
- परित्याग बनाम व्यावहारिक आवश्यकता।
- अस्पताल की मानवीयता।
- वृद्धावस्था और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ।
6. रचना शैली
- संवेदनशील और यथार्थवादी चित्रण।
- दृश्यात्मक वर्णन (अस्पताल, माँ की चीखें)।
- समाज-आलोचना का सूक्ष्म चित्रण।
7. माँ कहानी का सारांश (Maa Kahani Summary)
कहानी में मंगु नाम की जन्म से पागल और गूंगी लड़की का प्रमुख स्थान है। उसकी माँ—माँ जी—पूरे समर्पण और प्रेम के साथ मंगु की सेवा करती हैं।
परिवार के बाकी सदस्य और समाज उसे बोझ समझते हैं तथा सुझाव देते हैं कि मंगु को पागलों के अस्पताल में भर्ती करा दिया जाए।
डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं होगी, पर देखभाल और प्रशिक्षण से सुधार हो सकता है।
जब गाँव की लड़की कुसुम अस्पताल में भर्ती होकर ठीक हो जाती है, तो माँ जी भारी मन से मंगु को भी अस्पताल में भर्ती करा देती हैं।
मेट्रन और नर्सें मंगु की देखभाल करती हैं, लेकिन माँ जी का हृदय टूट जाता है।
रेलवे स्टेशन और गाँव लौटते समय उनकी चीखें मातृत्व की गहराई को दर्शाती हैं।
यह कहानी मातृत्व के नि:स्वार्थ प्रेम, समाज की कठोरता और माँ के त्याग का मार्मिक चित्र प्रस्तुत करती है।
8. परीक्षा-योग्य छोटे बिंदु (Quick Points For Exam) : माँ कहानी का सारांश
- मुख्य विषय : मातृत्व का समर्पण बनाम समाज की स्वार्थपूर्ण सोच।
- घटनाएँ : सलाह → डॉक्टर्स की राय → कुसुम का ठीक होना → मंगु का अस्पताल में भर्ती → माँ जी का दुःख।
- संदेश : सच्चा मातृत्व अतुलनीय है; लेकिन जीवन की परिस्थितियों में कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं।
✍️ माँ कहानी का सारांश – प्रश्न और उत्तर
नीचे दिए गए नोट्स और अभ्यास प्रश्न माँ कहानी Question Answer के रूप में कक्षा 10 हिंदी (वर्णिका भाग-2, पाठ-3) के छात्रों के लिए उपयोगी हैं।
प्र.1. मंगु के प्रति माँ और परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार में क्या फर्क था?
उत्तर : माँ मंगु के प्रति अत्यंत स्नेही और समर्पित रहती है। वह उसे बोझ नहीं मानती। जबकि परिवार के अन्य सदस्य उसे अनुपयोगी और बोझ समझते हैं।
प्र.2. माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती?
उत्तर : माँ मानती है कि केवल माँ ही सच्ची देखभाल कर सकती है। अस्पताल में अजनबी लोग ममता नहीं दे पाएँगे, इसलिए माँ मंगु को अस्पताल में छोड़ने से डरती है।
प्र.3. कुसुम के पागलपन में सुधार देख मंगु के प्रति परिवार और समाज की प्रतिक्रिया क्या थी?
उत्तर : कुसुम के इलाज से ठीक होने पर परिवार और समाज को उम्मीद जगी कि मंगु भी ठीक हो सकती है। उन्होंने माँ को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मनाया।
प्र.4. कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर : शीर्षक “माँ” पूर्णतः सार्थक है क्योंकि पूरी कहानी का केंद्र माँ का असीम मातृत्व प्रेम और त्याग है।
प्र.5. मंगु जिस अस्पताल में भर्ती हुई, वहाँ के कर्मचारी कैसे थे?
उत्तर : अस्पताल के कर्मचारी केवल व्यवहारकुशल ही नहीं बल्कि संवेदनशील भी थे। उन्होंने मंगु को ममता और अपनापन दिया।
प्र.6. कहानी का संक्षिप्त सारांश लिखें।
उत्तर : “माँ” कहानी मातृत्व की गहराई और त्याग को दर्शाती है। मंगु को समाज बोझ मानता है, पर माँ उसे अपनी जान से भी अधिक चाहती है। अंततः माँ मजबूरी में मंगु को अस्पताल में भर्ती कराती है, जहाँ उसकी देखभाल होती है, पर माँ का हृदय टूट जाता है।
📝 माँ कहानी का सारांश – निष्कर्ष :
कहानी “माँ” में मातृत्व की महानता और निःस्वार्थ प्रेम का अद्भुत चित्रण है।
मंगु जैसी पागल और गूंगी संतान को जहाँ समाज बोझ मानता है, वहीं माँ उसे अपने जीवन से भी बढ़कर चाहती है।
इस मार्मिक कथा से हमें यह सीख मिलती है कि माँ का प्रेम किसी भी परिस्थिति, तर्क या सामाजिक दृष्टिकोण से ऊपर होता है। यही मातृत्व की सबसे बड़ी शक्ति है।
संक्षेप में, Maa Kahani Ka Saransh यह है कि माँ का त्याग, करुणा और ममता संसार की सबसे अनमोल धरोहर है, जो किसी भी कठिन परिस्थिति में संतान का साथ कभी नहीं छोड़ती।
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PDF डाउनलोड करें📘 Class 10th Hindi वर्णिका भाग 2 – Objective Question 2026
| # | Chapter Name |
|---|---|
| 1 | दही वाली मंगम्मा |
| 2 | ढहते विश्वास |
| 3 | माँ – कहानी |
| 4 | नगर कहानी |
| 5 | धरती कब तक घूमेगी |




